ममता आज रंगीन साडी़ पहनकर माथे पर बिन्दी लगा रही थी उसी समय वह दिन याद आगये।
ममता को आज वह दिन याद आगया जब उसकी जिन्दगी की सबसे बुरी खबर उसे सुनाई गयी थी।उस खबर ने उसका जीवन ही बदल दिया था ।उसका जीवध सूना होगया था। उसके सारे सपने चूर चूर होकर बिखर गये थे। वह एक जिन्दा लाश बन कर यहगयी थी।
ममता की शादी को अभी पूरे दो साल भी नहीं हुए थे। वह बहुत खुश थी। खुश भी क्यो न होती उसकी सास उसे अपनी बेटी से भी अधिक प्यार करती थी। पति पीयूष उसकी हर इच्छा पूरी करने के लिए तत्पर रहता था।
ममता की सबसे बडी़ खुशी यह थी कि वह माँ बनने वाली थी। औरत के लिए माँ बनने से बडा़ कोई सुख नहीं होता है।
परन्तु ममता का दुर्भाग्य उसका पीछा कर रहा था। और वह मनहूस दिन याद करके ममता आज भी मायूस होजाती थी। जब उसको सूचना मिली कि उसके पति पीयूष का एक दुर्घटना में मौत होगयी है।
यह खबर सुनकर वह बेहोस होगयी थी जब उसे होश आया तब उसके बदन पर सफेद साडी़ थी उसका माथा सूना था। ममता को बिन्दी लगाने का बहुत शौक था।
ममता बचपन में भी अपनी माँ की बिन्दी उतारकर अपने माथे पर लगा लेती थी। वह लिपिस्टिक भी अपने होंठौ पर लगा लेती थी। परन्तु आज वह यह सब नही लगा सकती है।
उसके बाद वह एक सफेद गुडि़या बनकर रह गयी थी। उसको देखकर उसकी सास बहुत दुःखी होती थी। जिस सरकारी बैंक में पीयूष काम करता था उसी बैंक में ममता की पोस्टिग हो गयी।
ममता को वह दिन भी याद आगया जिह दिन उसे पहले दिन बैक की नौकरी पर जाइन करने जाना था। तब तक वह एक बच्चे की माँ भी बन चुकी थी।
ममता सुबह ही नहाकर सफेद साडी। पहनकर बैंक जाने को तैयार हुई उसका यह रूप देखकर उसकी सास की आँखौ में आँसू आगये और सोचने लगी कि इस बच्ची के सजने संवरने के दिन थे ईश्वर ने सब छीन लिया। मुझे इसका यह रूप अब नहीं देखा जाता है।
ममता की सास ने अपने पति से बात की और ममता से बोली," बहू मै एक बात कहूँ तू बुरा तो नहीं माँनेगी ? "
वह बोली," बोलो माँ आपकी बात का बुरा कैसे मान सकती हूँ आपके सहारे तो मै जीवित हूँ। आप हुक्म करो।"
उसकी सास बोली," तू यह साडी़ पहनकर बैंक जायेगी और मै इस बिषय में कुछ नहीं सुनूँगी।" इतना कहकर उन्हौने एक रंगीन साडी़ उसके हाथ में देदी।
" नहीं माँ मै ऐसा कैसे कर सकती हूँ सब लोग क्या कहैंगे ? " ममता बोली।
" लोगौ से मै बात खर लूँगी ये मेरा आदेश है मै कुछ नही सुनूँगीँ, वह बोली।
ममता की सास ने उसको बहुत मुश्किल से रंगीन साडी़ पहनाकर व माथे पर बिन्दी लगाकर बैंक भेजा।
जब मुहल्ले की औरतौ ने बातै बनाई उसका जबाब भी दिया था
वह उसकी खुशी के लिए सब से लड़ गयी थी।
ममता वह पल याद करके आज भी सोचने पर मजबूर होजाती थी कि उसकी सास ने उसको किस तरह अपनी बेटी की तरह रखा था वह तो उसकी दूसरी शादी भी करना चाहती थी परन्तु ममता ने ही उनकी यह बात नहीं मानी थी।
ममता ईश्वर से यह दुआ कर रही थी कि सभी को इस तरह से प्यार करने वाली सास मिले तो सास बहू का झगडा़ ही समाप्त हो जायेगा।
Palak chopra
12-Oct-2022 12:19 AM
Nice 🌺🙏
Reply
Barsha🖤👑
11-Oct-2022 09:00 PM
Very nice
Reply
Supriya Pathak
11-Oct-2022 06:12 PM
Bahut khoob 🙏🌺
Reply